माँ को याद रखना ,उसकी ममता को याद रखना , उसकी महत्ता को याद रखना । यह सौभाग्यशाली होने का प्रतीक है । यह कलयुग है मेरे भाई , फ़िर भी माँ याद आई ? नसीब अच्छे हैं ,बधाई । -आशुतोष मिश्र ,रायपुर
भाई साहब, 24तारीख को स्थानीय कन्या हायर सेकेन्डरी स्कूल में गया था, वहां पर साईंस सब्जेक्ट (फ़िजिक्स, केमेस्ट्री,मैथमैटिक,बायो) इत्यादि का एक भी लेक्चरर नहीं है। ऐसे में वहां किस तरह पढाई शुरु होगी यह चिंतनीय है।
अगर आपसे व्यवस्था हो सकती है तो बालकों एवं पालकों के हित में करने का कष्ट करें। गत वर्ष भी यही स्थिति थी।
6 टिप्पणियाँ:
Nice
जो माँ की गोद में है
वह हिमालय में नहीं ;
बहुत अच्छी लगी रचना बधाई।
माँ को याद दिलाने के लिए धन्यवाद भाई साहब.
माँ को याद रखना ,उसकी ममता को याद रखना ,
उसकी महत्ता को याद रखना । यह सौभाग्यशाली होने का प्रतीक है । यह कलयुग है मेरे भाई , फ़िर भी माँ याद आई ? नसीब अच्छे हैं ,बधाई ।
-आशुतोष मिश्र ,रायपुर
सुन्दर लेखन।
भाई साहब,
24तारीख को स्थानीय कन्या हायर सेकेन्डरी स्कूल में गया था, वहां पर साईंस सब्जेक्ट (फ़िजिक्स, केमेस्ट्री,मैथमैटिक,बायो) इत्यादि का एक भी लेक्चरर नहीं है। ऐसे में वहां किस तरह पढाई शुरु होगी यह चिंतनीय है।
अगर आपसे व्यवस्था हो सकती है तो बालकों एवं पालकों के हित में करने का कष्ट करें। गत वर्ष भी यही स्थिति थी।
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