वरदान है "108 संजीवनी एक्सप्रेस"
>> 26 जुलाई, 2012
शासन
द्वारा डेढ़ वर्ष पूर्व 25 जनवरी 2011 को शुरू की गयी "108 संजीवनी
एक्सप्रेस" आपात परिस्थितियों में मरीजों के लिए वरदान बन गयी है. पिछले
डेढ़ वर्ष में 1,68,797 मरीजों को संजीवनी एक्सप्रेस के माध्यम से अस्पताल
पहुंचाया गया है. इसमें सड़क दुर्घटना के 20,915 मामले हैं, संजीवनी
एक्सप्रेस ने डेढ़ वर्ष में जितने मरीजों को अस्पताल पहुंचाया है, उनमें 45
प्रतिशत गर्भवती महिलाएं हैं. आंकड़े बताते है कि संजीवनी एक्सप्रेस के
माध्यम से सड़क दुर्घटना से संबंधित 20,915, अन्य दुर्घटना के 3,429, बेहोशी
से संबंधित 8,270, मस्तिष्क आघात के 3,827, श्वास से संबंधित तीन 3,827
तथा प्रसव से संबंधित 77,371 महिलाओं को जहर खुरानी के 3,606, शिशु रोग से
संबंधित 218, नवजात शिशु के संबंधित 466, आत्महत्या से संबंधित 146,
औद्योगिक दुर्घटना से संबंधित 25, अग्नि दुर्घटना के 1,358, बुखार से
संबंधित 8,018, मिर्गी के 283, प्राकृतिक आपदा से संबंधित 19, डायबिटीज से
संबंधित 190, हृदयघात से संबंधित 2916, मारपीट से संबंधित 1,825, पशुओं के
काटने से संबंधित 2,243, तेज पेट दर्द से संबंधित 6671 तथा अन्य मामलों
में 25,775 व्यक्तियों को आपात परिस्थिति में अस्पताल पहुंचाया गया.
लेबल:
ABHANPUR,
ASHOK BAJAJ,
chhatisgarh,
CM,
HEALTH,
RAIPUR
3 टिप्पणियाँ:
its true .I LIKE THIS STEP
सभ्यता के विकास का सार्थक पहलू.
कर्नाटक और आन्ध्रप्रदेश में भी बहुत प्रभावी है यह।
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