आदि शंकराचार्य के अनमोल वचन
>> 30 अप्रैल, 2017

आदि शंकराचार्य के अनमोल वचन
1. यह परम सत्य है की लोग आपको उसी समय तक याद करते है जब तक आपकी सांसें चलती हैं. इन सांसों के रुकते ही आपके क़रीबी रिश्तेदार, दोस्त और यहां तक की पत्नी भी दूर चली जाती है.
2. जब मन में सत्य जानने की जिज्ञासा पैदा हो जाती है तब दुनिया की बाहरी चीज़े अर्थहीन लगती हैं.
सत्य की कोई भाषा नहीं है. भाषा तो सिर्फ मनुष्य द्वारा बनाई गई है लेकिन सत्य मनुष्य का निर्माण नहीं, आविष्कार है. सत्य को बनाना या प्रमाणित नहीं करना पड़ता.
3. तीर्थ करने के लिए किसी जगह जाने की जरूरत नहीं है. सबसे बड़ा और अच्छा तीर्थ आपका अपना मन है जिसे विशिष्ट रूप से शुद्ध किया गया हो.
4. हर व्यक्ति को यह ज्ञान होना चाहिए कि आत्मा एक राज़ा के समान होती है जो शरीर, इन्द्रियों, मन, बुद्धि से बिल्कुल अलग होती है. आत्मा इन सबका साक्षी स्वरुप है.
5. मोह से भरा हुआ इंसान एक सपने कि तरह हैं, यह तब तक ही सच लगता है जब तक वह अज्ञान की नींद में सो रहे होते है. जब उनकी नींद खुलती है तो इसकी कोई सत्ता नही रह जाती है.
आदि शंकराचार्य की जयंती पर हार्दिक बधाई !
साभार गूगल
1 टिप्पणियाँ:
very nice article
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